शिक्षकों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं पं. दीनदयाल

शिक्षकों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं पं. दीनदयाल
गोरखपुर। पं.दीनदयाल उपाध्याय की जयन्ती के अवसर पर स्ववित्तपोषित महाविद्यालय प्राचार्य परिषद् द्वारा विविद्यालय के संवाद भवन में आयोजित प्राचार्य सम्मेलन में उपस्थित प्राचायरें को सम्बोधित करते हुए दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विविद्यालय के कुलपति प्रो. वी. के. सिंह ने कहा कि एकात्मक मानव दर्शन के प्रणोता दीनदयाल उपाध्याय जी शिक्षकों, प्राचार्यों के लिए प्रेरणा स्रेत हैं। दीनदयाल जी का सन्यासी, तपस्वी एवं कर्मयोगी व्यतित्व शिक्षकों एवं प्राचायरें के लिए मार्गदर्शन है।उन्होंने आगे कहा कि स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के कंधो पर परम्परागत उच्च शिक्षा की गुणवत्ता टिकी है। स्ववित्तपोषित महाविद्यालय अपनी विश्वसनीयता एवं गुणवत्ता बनाए, आज भी आपका है और कल भी आपका होगा। विविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि हमारी जाति एक ही है शिक्षक की। विविद्यालय शिक्षक संघ प्राचार्य परिषद् सहित किसी भी प्राचार्य, शिक्षक के हित के साथ कन्धा से कन्धा मिलाकर चलता रहेगा। इस अवसर पर प्रो.श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी, डॉ.सूर्यपाल सिंह, डॉ.वेद प्रकाश पाण्डेय, डॉ.आद्या प्रसाद द्विवेदी ने भी सम्बोधित किया। कुलपति का किया गया सम्मान रू स्ववित्तपोषित महाविद्यालय प्राचार्य परिषद ने कुलपति प्रो. वीके सिंह के लगभग दो वर्ष के कार्यकाल की सफलता पर उन्हें उत्तरीय एवं स्मृति चिन्ह के साथ सम्मानित करते हुए कहा कि प्राचायरेंध्शिक्षकों एवं महाविद्यालयों के प्रति कुलपति जी की संवेदनशीलता, सकारात्मकता, त्वरित कार्यवाही के हम कायल है। उप्र हिन्दी संस्थान से सम्मानित शिक्षकों का हुआ सम्मान रू स्ववित्तपोषित महाविद्यालय प्राचार्य परिषद ने इस अवसर पर दो पूर्व प्राचायरे डॉ. सूर्यपाल सिंह एवं डॉ. वेद प्रकाश पाण्डेय को उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा सहित्य भूषण एवं मधुलिमय सम्मान से सम्मानित होने पर उन्हें सम्मानित किया गया। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा दो शिक्षकों डॉ.आद्या प्रसाद द्विवेदी को साहित्य भूषण तथा प्रो.श्रीप्रकाशमणि त्रिपाठी को गणोश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर उन्हें सम्मानित किया गया। प्राचार्य परिषद् ने उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के प्रति आभार व्यक्त किया। इन मांगों को लेकर सक्रिय रहेगा प्राचार्य परिषद रू स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों का परिनियम। विभिन्न अकादमिक समितियों में समानुपातिक प्रतिनिधित्व। वेतन में सरकारी अनुदान। विद्या परिषद-कार्यपरिषद में सदस्यता ईघ्पीएफ लागू किया जाना।एसोसिएट प्रोफेसरध् प्रोफेसर पदनाम।