एलएलएम के स्वर्णपदक सूची में परिवर्तन से विवाद बढ़ा
गोरखपुर। विविद्यालय में दीक्षान्त के लिए जारी की गयी छात्रों की स्वर्णपदक पात्रता सूची में परिवर्तन से एक नया विवाद पैदा हो गया। एलएलएम के स्वर्णपदक के लिए पूर्व में नामित छात्र मृत्युंजय कुमार का नाम हटाकर उनके स्थान एक अन्य छात्रा रीमा का नाम डालने को लेकर आज उक्त छात्र ने खुद को इस स्वर्णपदक के लिए जहां पात्र बताते हुए परीक्षा नियंत्रक को जहां पत्र सौंपकर स्वयं को इसके लिए पात्र बताते हुए नाम में परिवर्तन का कारण जानना चाहा है।
वहीं शुक्रवार को न्यायिक परिसर सिविल कोर्ट में अधिवक्ताओं ने सभा करके विरोध दर्ज कराया है। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विविद्यालय के दीक्षांत समारोह के लिए 27 सितंबर को 2019 को विविद्यालय ने गोल्ड मेडलिस्टों की अनंतिम सूची जारी की थी। जिसके लिए 3 अक्टूबर तक आपत्तियां मांगी गयीं थी। उक्त सूची में एलएलएम-2018 से सम्बन्धित गोल्ड मेडल के लिए मृत्युंजय कुमार मिश्र पुत्र प्रेम शंकर मिश्र का नाम दर्ज किया गया था। जिनके 600ध्1000 प्राप्तांक एवं 60 फीसदी अंक हैं। जबकि उक्त सूची में संशोधन करते हुए विविद्यालय ने 03 अक्टूबर को मृत्युंजय के स्थान पर रीमा यादव पुत्री रामफल यादव का स्वर्णपदक के लिए चयन होना बताया।
रीमा के प्राप्तांक 594ध्1000 हैं तथा इन्हें कुल 59.40 प्रतिशत अंक प्राप्त हैं। इस परिवर्तन के बाद शुक्रवार को उक्त छात्र ने इस प्रकरण को मानहानि बताते हुए परीक्षा नियंत्रक को ज्ञापन सौंपकर जवाब मांगा है। जिसमें मृत्युंजय कुमार ने जिक्र किया है कि उन्होंने 60 फीसदी अंकों के साथ एलएलएम 2018 की परीक्षा उत्तीर्ण की है।
फिर किन परिस्थितियों में सूची में उनके स्थान पर उनके कम अंक प्राप्त छात्रा का नाम स्वर्णपदक के लिए दर्ज किया गया है। छात्र ने पत्र की कॉपी कुलाधिपति को भी भेजी है। प्रथम प्रयास में परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कीरू परीक्षा नियंत्रक रू इस मामले में परीक्षा नियंत्रक से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि छात्र ने प्रथम प्रयास में एलएलएम की परीक्षा नहीं उत्तीर्ण की थी।
चूकवश उनका नाम सूची में प्रकाशित हो गया था। इसके अलावा जो गोल्ड मेडलिस्ट की सूची प्रकाशित की गयी थी वह अनंतिम थी। उसमें संशोधन के लिए आपत्तियां भी मांगी गयीं थीं।
जवाब मांगा हैरू कुलसचिव रू वहीं कुलसचिव डॉ. ओमप्रकाश ने कहा कि उन्होंने इस मामले में परीक्षा विभाग में बात की तो पता चला कि छात्र का बैक आया था इसलिए नाम बदलना पड़ा। नाम बदलने की नौबत ही क्यों आयी इसपर उन्होंने कहा कि यह गलती से हो गया है कि उन्होंने इसपर जवाब मांगा है। अधिवक्ताओं व विधि छात्रों ने दी आंदोलन की चेतावनी रू गोरखपुर विविद्यालय के गोल्ड मेडलिस्ट सूची से एलएलएम के छात्र मृत्युंजय कुमार का नाम हटने पर अधिवक्ताओं ने भी आक्रोश व्यक्त किया है।
इस सम्बन्ध में सिविल कोर्ट न्यायिक परिसर में अधिवक्ताओं ने दोपहर 1.30 बजे से बैठक आयोजित की जिसमें न्यायिक सेवा प्रतियोगी छात्र भी शामिल रहे। अधिवक्ताओं ने कहा कि मृत्युंजय कुमार मिश्र योग्य एवं टॉपर हैं तथा सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के बाद भी उन्हें गोल्ड मेडल से वंचित किया जा रहा है जो अन्याय है। जबकि जिस छात्रा को यह गोल्ड मेडल देने की बात है उनके अंक कम हैं।
कानून को ताक पर रखकर विविद्यालय प्रशासन का यह कुचक्र सफल नहीं होने दिया जायेगा। दूसरी तरफ विधि छात्रों के एक जत्थे ने भी परीक्षा नियंत्रक से मुलाकात कर इस मामले में पक्षपात पूर्ण रवैया छोड़कर सहीं निर्णय लें वरना दीक्षांत समारोह के दिन शांतिपूर्ण तरीके से सत्याग्रह के लिए विद्यार्थी बाध्य होंगे तथा न्यायालयध्उच्च न्यायालय में यथासंगत धाराओं में वाद दाखिल करेंगे जिसकी जिम्मेदारी विवि प्रशासन की होगी।