गुजरात के रसीक भाई को भी रसीली लगी बापू की कथा

गुजरात के रसीक भाई को भी रसीली लगी बापू की कथा


गोरखपुर। श्रीराम कथा मर्मज्ञ मोरारी बापू की कथा सुनने के लिए शहर में देश ही नहीं विदेश से भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आयी है। श्रद्धालुओं का शहर में रेला लगा हुआ है। मुस्लिम भी आए हैं। रसीक भाई को बापू की कथा अनूठा रसा बार बार खींच लाता है। वह गुजरात से हैं। शहर में हर तरफ आनंद और भक्ति का प्रवाह तरंगित नजर आ रहा है। बापू की कथा का रसपान करने आये श्रद्धालुओं ने कहा कि मोरारी बापू में समाज को जोड़ने की अदभुत शक्ति है। इसी कड़ी में शहर के गीता वाटीका में ठहरी हुयी अहमदाबाद से आयी श्रद्धालु लता बेन ने कहा कि ये बापू की 6ठवीं कथा है जिसे सुनने वो यहां गोरखपुर शहर में आयीं हैं। उन्होंने बताया कि एक साल में उन्होंने बापू की 6 कथा का श्रवण किया है। इससे पहले उन्होंने केरल, दिल्ली, मुद्रा, जामनगर में कथा सुनी है। उन्होंने कहा कि मैने कई लोगों की कथा टीवी पर सुनी है लेकिन मुझे सबसे अच्छी कथा बापू की लगती है। बापू की कथा में वो चुंबकीय आकर्षण है जिससे सारे भक्त खिचें चले आते हैं। जहां जहां भी बापू की कथा होती है व्यवस्था बहुत अच्छी होती है। गोरखपुर शहर में आकर बापू की कथा का रसपान करने का हमें अवसर मिला हम अपनेआप को बहुत ही भाग्यशाली मानते हैं। वहीं भागलपुर से आयी प्रतिमा गुप्ता ने कहा कि मैंने बापू की पहली कथा 2006 में गुजरात में सुनी थी , तभी से मैं बापू की कथा सुनती आ रहीं हूं । कुल मिला कर अभी तक मैने मोरारी बापू की 6 कथा सुनी है। बापू की कथा से अध्यात्म का ज्ञान होता है। कथा सुनने में आनंद मिलता है एक लालसा होती है बापू की कथा सुनने की । अध्यात्म का ज्ञान होने पर ही मनुष्य प्रेम से भर जाता है। गोंडा से आये श्रद्धालु गिरीश कुमार उपाध्याय, रिटार्यड ब्लाक एडीओ ने कहा कि मुझे मोरारी बापू की कथा सुनते 35 साल से भी ज्यादा का समय हो गया है। बापू की पहली कथा का रसपान मैंने 1987 में अयोध्या में किया था। 
बापू की कथा श्रोताओं को बिल्कुल भाव विभोर कर देती है। बापू के कथा में व्यवस्था काफी अच्छी होती है। बाबा गोरक्षनाथ की नगरी में बापू की कथा सुनने में बहुत ही अच्छा लग रहा है। यहां सबसे अच्छी बात ये देखने को मिली कि मुस्लिम समाज के लोग भी बापू की कथा में पहुंच कर कथा का श्रवण किया। गांधीनगर गुजरात से आयी शकुंतला बेन ने कहा कि मैंने मोरारी बापू की अभी तक 6 कथा का श्रवण किया है। बापू की कथा सुनने का आनंद ही कुछ और है। ऐसे लगता है मानों साक्षात आत्मा का परमात्मा से मिलन हो गया हो। बापू की कथा में वो जादू है कि श्रद्धालु खुद ब खुद खिंचा चला आता है। फिर चाहे जहां भी हो कथा उससे हम भक्तों को कोई फर्क नहीं पड़ता। यहां की व्यवस्था काफी अच्छी है। राजस्थान भीलवाड़ा से आयी लल्ला बेटी ने बताया कि अभी मैने मोरारी बापू की दो कथा सुनी है।
 एक तो दिल्ली में दूसरी गोरखपुर शहर में। बापू की कथा अपने श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर देती है। जो बात उनकी कथा में है वो किसी अन्य में नहीं। गोरखपुर शहर में बापू की कथा के बहाने मैं पहली बार आयी हूं। यहां मुझे काफी अच्छा लग रहा है। 
यहां पर रहने खाने की काफी अच्छी व्यवस्था है। गुजरात से आये रसीक भाई का कहना था कि गोरखपुर की पावन धरती पर आकर मोरारी बापू की कथा का रसपान करना बढ़े ही सौभाग्य की बात है। जो कोई भी बापू की कथा एक बार सुन लेगा वो बार बार उनको सुनना चाहेगा।