मना ग्राम स्वास्य स्वच्छता पोषण दिवस
गोरखपुर । चरगांवा ब्लाक के सेमरा नंबर 1 और सेमरा नंबर 2 गांव के लोगों ने प्राथमिक स्वास्य केंद्र परिसर में ग्राम स्वास्य स्वच्छता पोषण दिवस मनाया।प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. धनंजय कुशवाहा की मौजूदगी में हुए आयोजन में 62 गर्भवती व धात्री महिलाएं जबकि 12 किशोरियों ने हिस्सा लिया। उपस्थित प्रतिभागियों के खून की जांच की गयी, टीकाकरण हुआ, आयरन फोलिक की गोलियां बांटी गयीं, बच्चों का टीकाकरण हुआ तथा उनको उचित परामर्श दिया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. श्रीकांत तिवारी और जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह के निर्देश पर चरगांवा पीएचसी परिसर में एक ही मंच पर पोषण, सेहत, स्तनपान, पूरक आहार और परिवार नियोजन से जुड़ी समझदारी की बातें की गयीं। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. धनंजय कुशवाहा, स्वास्य शिक्षा अधिकारी मनोज कुमार, आंगनबाड़ी की मुख्य सेविका मोहित सक्सेना और रमी सिंह ने उपस्थित महिलाओं, किशोरियों और उनके अभिभावकों से कहा कि पोषण का परिवार नियोजन से गहरा संबंध है। अगर दो बच्चों के बीच कम से कम 3 साल का अंतर न रखा जाए तो मां और दोनों बच्चों के कुपोषित होने का खतरा बढ़ जाता है। इस दौरान स्वास्य विभाग परिवार नियोजन के अस्थायी साधन और स्थायी साधन संबंधी जानकारी दी गयी। बताया गया कि परिवार नियोजन के जरिए स्वस्थ और सुपोषित बच्चे पैदा होते हैं। गर्भवती महिलाओं और किशोरियों की सेहत पर जोर देते हुए बताया गया कि आयरन फोलिक की गोलियां, हरी साग-सब्जियां, चना-गुड़ का सेवन उन्हें स्वस्थ रखता है। गर्भवती महिलाओं को पोषकता से भरभूर आहार सामान्य महिलाओं की तुलना में ज्यादा लेना चाहिए।यह भी बताया गया रू आयरन को गोली खाली पेट नहीं खाना है। खाना खाने के एक घंटा पहले या बाद में नहीं खाना है। विटामिन सी युक्त आहार के साथ ही आयरन की गोली खाना है। अगर किसी गर्भवती महिला का हिमोग्लोबिन 7 ग्राम से कम है तो चिंताजनक है। ऐसी महिलाओं को अभी से खास ध्यान रखना होगा। 11 ग्राम से कम हिमोग्लोबिन वाली गर्भवती महिला एनीमिक की श्रेणी में आती हैं और उन्हें खानपान और पोषण का ध्यान रखना होगा। दो बच्चों के जन्म में कम से कम 3 साल का अंतर अवश्य होना चाहिए। छह महीने तक बच्चे को सिर्फ मां का दूध पिलाएं उसके बाद पूरक आहार देना है। जन्म के बाद अतिशीघ्र बच्चे को मां का दूध अवश्य पिलाया जाना चाहिए।
मना ग्राम स्वास्य स्वच्छता पोषण दिवस